माकपा ने केंद्र सरकार की मशीनरी समर्थित हिंसक अहिष्णुता करार देते हुए
गुरूवार को हमले में शामिल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं और
केंद्र सरकार की पुलिस की मौन सहमति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
माकपा ने कहा,एबीवीपी के गुंडों ने कालेज परिसर में हिंसा की और केंद्र की
दिल्ली पुलिस ने उनकी मदद की, जो निंदनीय है।
माकपा ने कहा,यह संयुक्त रूप से आरएसएस-भाजपा की सरकारी मशीनरी समर्थित
हिंसक असहिष्णुता का शर्मनाक उदाहरण है और इसकी शाखाएं खास तौर से
विश्वविद्यालयों में सभी तरह के लोकतांत्रिक प्रदर्शनों के खिलाफ हैं।
केंद्र सरकार की दिल्ली पुलिस ने एबीवीपी के गुंडों के लिए सुविधाप्रदाता
की शर्मनाक भूमिका निभाई। पुलिस प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंके जाने के
दौरान मूकदर्शक बनी खडी रही।
एबीवीपी का आंदोलन समाप्त...
इसबीच एबीवीपी ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है लेकिन कहा है कि वह जेएनयू
जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देंगे।
(आईएएनएस)
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