मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ग्लोबल आयोजन प्रतिष्ठित जेम्स एजुकेशन फाउंडेशन के साथ मिलकर किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हमारी भावी पीढ़ी और देश के भविष्य के सपनों को साकार करना और उनकी प्रतिभा एवं रचनात्मकता को तराशने के साथ उनके आत्म विश्वास को मजबूती प्रदान करना है। ताकि देश-विदेश में उन्हें रोजगार के अच्छे अवसर मिल सकें। राजे ने कहा कि राजस्थान देशभर में शिक्षा का हब बनकर उभर रहा है। प्रदेश में 60 प्रतिशत जनसंख्या युवा है, जिनमें ग्लोबल स्तर पर छा जाने की क्षमता है। युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार एवं शैक्षिक संस्थाएं निरंतर प्रयासरत हंै। शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार, ‘प्रशासनिक क्षमता का सुदृढ़ीकरण और प्रबंधन क्षमता को बढ़ाकर हम शैक्षिक जगत की समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘जयपुर एजुकेशन फेस्टिवल’ की शुरूआत कर शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। जयपुर के बाद इसे राज्य के सभी सात संभागों पर भी आयोजित किया जाएगा। इससे राज्य के शिक्षा जगत एवं बच्चों को ग्लोबल शिक्षा प्रणाली और कार्यविधि से रूबरू होने के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में शिक्षा के उन्नयन और ढांचागत विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। जिसकी देश-विदेश में प्रशंसा हो रही है। राज्य में चल रहे करीब 10 हजार आदर्श विद्यालयों का जिक्र करते हुए राजे ने कहा कि इन स्कूलों को मॉडल स्कूलों के रूप में उभारा जा रहा है। यहां शिक्षक-अभिभावक बैठक, आधारभूत सुविधाओं और खेल सुविधाओं आदि के बहुत अच्छे परिणाम देखने में आ रहे हैं। राजे ने कहा कि सरकार अपने न्यूनतम संसाधनों से राज्य में शिक्षा के आधुनिकीकरण के साथ ही कमजोरियों को ठीक करने में लगी हुई है। शिक्षा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शैक्षिक विकास को गति देने पर ध्यान दिया जा रहा है।
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