जयपुर। हाईकोर्ट ने सूत निर्माता कम्पनी से अधिक वसूले गए उत्पाद शुल्क को रिफंड नहीं करने के 24 साल पुराने मामले में कहा है कि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने कंपनी को प्रताडि़त किया है। कंपनी को तीन माह में 2,36,92,046 रुपए मय ब्याज रिफंड प्राप्त करने का हकदार मानते हुए केन्द्र सरकार पर इस मामले में 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। न्यायाधीश के.एस. झवेरी व न्यायाधीश महेन्द्र माहेश्वरी की खण्डपीठ ने केन्द्रीय उत्पाद शुल्क का एक्साइज रेफरेंस तय करते हुए यह आदेश दिया। तथ्यों के अनुसार बहरोड़ स्थित जयपुर सिंटेक्स कंपनी ब्लेंडेड यार्न का उत्पादन करती थी। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग और कंपनी के बीच उत्पाद शुल्क को लेकर विवाद था। कंपनी ने विरोध दर्ज कराते हुए 1986-87 और जनवरी 1988 से मार्च 1990 तक का उत्पाद शुल्क चुका दिया लेकिन, कंपनी ने अपने ग्राहकों से इस दर के हिसाब से शुल्क वसूल नहीं किया। बाद में कंपनी ने अधिक जमा कराई राशि का रिफंड मांगा और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के सहायक आयुक्त ने गलत दर से वसूली की बात भी स्वीकार कर ली। कंपनी के ग्राहकों से राशि नहीं वसूलने के कारण राशि को उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करवाने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। 2002 से लम्बित प्रकरण अदम पैरवी खारिज हो गया। इसके बाद बार-बार वकील बदलते रहे। इस बीच उद्योग को बंद करना पड़ा। इससे उसमें काम करने वाले बर्बाद हो गए।
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