नई दिल्ली। अलग रेल बजट का सिलसिला अगले वित्तीय वर्ष से खत्म हो जाएगा। 2017 में अलग से रेल बजट नहीं बनाया जाएगा। क्योंकि वित्त मंत्रालय रेल बजट को आम बजट में ही मिला देने के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है। सरकार की यह पहल इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि 1996 के बाद आई गठबंधन सरकारों में राजनीति पर दबदबा रखने वाले क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने रेल बजट का इस्तेमाल अपनी छवि बनाने में किया था। सरकारी सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने पांच सदस्यों की एक समिति बनाई है जो दोनों बजट के विलय के तौर-तरीकों पर काम करेगी।
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