नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
से मुलाकात कर किसानों के ऋण माफ करने की मांग की और साथ ही उनके बिजली
बिलों को भी आधा करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री को सौंपे गए एक एक ज्ञापन में राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस
नेताओं ने सरकार से फसलों के लिए अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने की
मांग की।
राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने
किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए मोदी से कहा कि किसानों को दिए
गए कर्ज भी उसी तरह माफ कर दिए जाएं, जिस तरह कारपोरेट घरानों के कर्ज माफ
किए गए हैं। राहुल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं
से कहा, देशभर में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब में हर दिन एक किसान
आत्महत्या कर रहा है। हमने प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें देशभर के किसानों
की दुर्दशा से अवगत कराया।
कांग्रेस ने घर-घर जाकर एकत्र किए गए पंजाब से 30 लाख और उत्तर प्रदेश से दो करोड़ मांगपत्र भी सौंपे। राहुल
ने कहा, केंद्र सरकार ने कारपोरेट जगत के 1.40 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ
किए हैं। हमने उनसे किसानों के ऋण भी माफ करने की अपील की।
राहुल ने यह भी कहा कि गेहूं के आयात को शुल्क मुक्त करने का सरकार का फैसला किसानों के लिए बड़ा झटका है। कांग्रेस
उपाध्यक्ष के अनुसार, प्रधानमंत्री ने भी किसानों की दुर्दशा की बात
स्वीकार की, लेकिन उन्होंने किसानों के ऋण माफ करने के बारे में एक शब्द
नहीं कहा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिलने वाले कांग्रेस के
प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी
के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह और अन्य नेता शामिल थे।इस
मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने किसानों के कर्ज माफी एवं अन्य मांगों के
बारे में तो कुछ नहीं कहा, मगर राहुल से कहा, मिलते रहा करें। पीएम से
मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माना
कि किसानों की हालत गंभीर है, लेकिन कर्ज माफ करने पर उन्होंने कुछ नहीं
कहा, सिर्फ सुना।
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