कपूरथला। चुनाव से पहले नीले कार्डों के मामले में सियासी पारा चढ़ गया है। कुछ माह पहले कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह द्वारा समर्थकों व लोगों के नीले कार्डों के भरे 2700 फॉर्म एसडीएम को सौंपे गए थे, जो अब गायब हो चुके हैं। इस पर राणा गुरजीत सिंह ने सैकड़ों लोगों व समर्थकों के साथ फॉर्मों के संदर्भ में डीएफएससी कार्यालय का घेराव कर डीएफएससी से पूछा तो पता चला कि उन्हें इन फॉर्मों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। इस पर राणा गुरजीत सिंह भडक़ उठे और तत्काल डीसी जसकिरण सिंह को फोन करके पूछा कि जिला योजना कमेटी के चेयरमैन व गांव के अकाली सरपंचों की ओर से नीले कार्डं किस अधिकार से बांटे जा रहे हैं। उनकी ओर से 2700 फॉर्मों के बारे में जानकारी हासिल की तो मामला सियासी गलियारों में गूंजने लगा।
आनन-फानन में डीसी के आदेश पर डीएफएससी सतनाम सिंह ने जिला योजना कमेटी के चेयरमैन के आफिस में भेजे 2100 नीले कार्ड वापस मंगवा लिए हैं। विधायक राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि जिला योजना कमेटी का चेयरमैन जनता की ओर से नकारा हुआ इंसान है। उसे व अकाली दल के सरपंचों को नीले कार्ड बांटने का अधिकार नहीं है। फिर भी नीले कार्ड बांटे जा रहे हैं और डीसी जसकिरण सिंह व डीएफएससी सतनाम सिंह मूकदर्शक बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि शहर की आबादी करीब सवा लाख है। लगभग एक परिवार में चार सदस्यों के हिसाब से करीब 27 से 30 हजार परिवार बनते हैं, लेकिन शहर में 22 हजार नीले कार्ड बने हैं, फिर भी अधिकतर लोगों को नीले कार्ड नहीं मिले हैं। इससे जाहिर है कि इसमें घोटाला है। इसकी उच्चस्तरीय जांच की जाए तो कई लपेटे में आएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से भर कर दिए गए 2700 फॉर्मों का कोई अता-पता नहीं है, जबकि 15 हजार कार्ड पुराने रिन्यू हुए हैं और सात हजार नए बनने हैं। उन्होंनेे चेतावनी दी कि अगर अब चेयरमैन या कोई सरपंच नीले कार्ड बांटता पाया गया तो उसके खिलाफ केस दर्ज करवाएंगे। इस धांधली को लेकर वे डीसी व एसएसपी को पत्र लिख रहे हैं। यहीं मुद्दा उन्होंने विधानसभा सत्र में भी उठाया था। यह सरासर घपला है।
विधायक जो फॉर्म बता रहे हैं वे मिले ही नहीं
डीएफएससी सतनाम सिंह ने कहा कि विधायक राणा जिन 2700 फॉर्मों की बात कर रहे हैं, वे फॉर्म उन्हें नहीं मिले हैं। चेयरमैन के आफिस में गए 2100 कार्ड वापस मंगवा लिए हैं। यह कार्ड अब उनका स्टाफ डोर-टू-डोर जाकर बांटेेगा। डीसी जसकिरण सिंह ने कहा कि विधायक राणा गुरजीत सिंह ने जिन 2700 नीले कार्डों के फॉर्मों के संदर्भ में शिकायत दी है कि उसकी जांच एडीसी सामान्य दीप्ति उप्पल कर रही हैं। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। नीले कार्डं डीएफएससी विभाग ही बांट रहा है। अगर कार्यक्रम के दौरान जिला योजना कमेटी के चेयरमैन पहुंच जाएं और फोटो में साथ आ जाएं तो उन्हें शिष्टाचार के नाते बाहर नहीं किया जा सकता है। यह आरोप गलत है। उधर, जिला योजना कमेटी के चेयरमैन सरबजीत सिंह मक्कड़ से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
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