• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

नोटबंदी के फैसले को ले कर सवाल

Question about decision of notbandi - Chandigarh News in Hindi

बलवंत तक्षक
चंडीगढ़। नोटबंदी का फैसला हरियाणा में भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा या नुकसानदायक? इस सवाल को ले कर चर्चाएं शुरु हो गई हैं। आपसी बातचीत और टीवी चैनल्स पर लोगों की प्रतिक्रिया अभी सकारात्मक है। अपने बचत खातों से पैसे निकालने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगे लोग परेशानी झेलने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को ठीक बता रहे हैं। भाजपा विरोधी पार्टियां कांग्रेस और इनेलो लोगों के मूड को भांपने में लगी हैं। कांग्रेस व इनेलो को लगता है कि आने वाले दिनों में बैंकों के बाहर इसी तरह लाइनें लगी रहीं तो लोगों में भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ेगी। अगर व्यवस्था जल्दी ठीक कर ली गई तो इस फैसले से भाजपा को फायदा मिलने की उम्मीद है।

इस बीच मनोहर सरकार हरियाणा में कैशलेस ट्रांजेक्शन अनिवार्य करने की तैयारियों में जुट गई है। प्रधानमंत्री की इच्छा के अनुरूप मुख्यमंत्री हरियाणा को पहला कैशलेस राज्य बनाना चाहते हैं। प्राइवेट सेक्टर में भी कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जाएगा। दुकानदारों, व्यापारियों, उत्पादकों आदि को अपने ग्राहकों के लिए डेबिट, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग जैसे विकल्प दिए जाएंगे। राज्य के सभी छोटे-बडेÞ व्यापारियों व दुकानदारों को प्वाइंट ऑफ सेल मशीनों के जरिये कारोबार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

राज्य के सरकारी विभागों को भी कैशलेस करने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस मुद्दे पर वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु प्रशासनिक सचिवों की बैठक ले चुके हैं। इस मामले में सभी विभागों से सुझाव भी मांगे गए हैं ताकि उन पर विचार-विमर्श के बाद इसके क्रियान्वयन के लिए रूपरेखा तय की जा सके। सभी विभागों के लिए समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। देखना यही है कि भाजपा सरकार अपनी इस योजना को कब तक अमलीजामा पहना पाती है।

नसबंदी की वजह से सत्ता खो दी थी कांग्रेस ने

आपातकाल के दौरान जबरन नसबंदी के बढ़ते मामलों की वजह से लोगों में हरियाणा सरकार के प्रति भारी नाराजगी थी। 1977 में जब विधानसभा के चुनाव हुए तो जनता पार्टी की सरकार बनी और कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। नसबंदी के लिए तब अफसरों का कोटा तय कर दिया गया था और डरे हुए लोग अपने घर छोड़ कर रात को खेतों में सोने को मजबूर थे। आपातकाल खत्म होने पर जब हरियाणा में चुनाव हुए तो नाराज लोगों ने कांग्रेस सरकार को उलट दिया।

शराबबंदी से हाशिये पर चली गई थी हविपा

शराबबंदी की वजह से हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) 2000 के विधानसभा चुनावों में हाशिये पर चली गई थी। राज्य की 90 सीटों में हविपा को केवल दो सीटों पर जीत हासिल हो सकी। हविपा-भाजपा गठबंधन के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री बंसीलाल ने राज्य में शराबबंदी लागू कर दी। शराबबंदी के बाद तीन साल के दौरान एक लाख से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। लोग शराब पीने के लिए हरियाणा के साथ लगती दूसरे राज्यों की सीमाओं पर जाते और गिरफ्तारी के भय से रात में वहीं सोने जाते।

नोटबंदी पर अभी धैर्य नहीं खोया है लोगों ने

चाहे गांव हो या शहर, अभी लोगों ने धैर्य नहीं खोया है। यदि कोई नाराज भी है तो केंद्र सरकार के फैसले पर उंगली उठाने के बजाये बैंकों की कार्यप्रणाली पर सवाल कर रहा है। लोग जानते हैं कि बैंक कैश की कमी से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि बैंक लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से पैसे नहीं दे पा रहे हैं। लोगों को इस मामले में प्रधानमंत्री के कहे मुताबिक 31 दिसंबर तक इंतजार करने में कोई ऐतराज नहीं है।


जब रीता जोशी की गर्दन फंसी रथ में, पढिये फिर कैसे मचा हड़कंप और बची जान

यह भी पढ़े

Web Title-Question about decision of notbandi
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: hindi news, haryana, haryana news, chandigarh news, chandigarh, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, chandigarh news in hindi
Khaskhabar Haryana Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

हरियाणा से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved