जयपुर। इस वर्ष का अंतिम पुष्य नक्षत्र शनिवार को रहेगा। पुष्य नक्षत्र सभी 27 नक्षत्रों बलवान होता है, यह नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए सबसे उत्तम रहता है। इस दिन भौतिक सुख-सुविधा की वस्तुएं खरीदना काफी फलदायी रहता है। इस बार शुक्रवार की शाम 6.20 से शनि व नक्षत्रराज पुष्य नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है, जो शनिवार को को शाम 5.40 तक रहेगा। जो अद्भुत होने के साथ साथ कल्याणकारी भी है। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों के राजा होने का दर्जा प्राप्त है। ज्योतिषाचार्य अक्षय शास्त्री के अनुसार इसका संबंध चंद्रमा से है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनिदेव व अधिष्ठाता बृहस्पति देव हैं। [@ ऐसा क्या हुआ कि पुलिसकर्मी लगा रहे एमडीएम अस्पताल में झाड़ू]
भगवान गणेश की होगी मनुहार
शनिपुष्य नक्षत्र पर शनिवार को शहर के गणेश मंदिरों में भगवान गणेश की मनुहार की जाएगी। वेद मंत्रों से गणेश जी का पंचामृत अभिषेक कर मोदक अर्पित किए जाएंगे तथा भगवान की आकर्षक झांकी सजाई जाएगी। शहर के प्रमुख मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में भगवान का अभिषेक किया जाएगा।
इसके अलावा शहर के गढ़ गणेश मंदिर एवं ध्वजाधीश मंदिर में महंत प्रदीप कुमार ओदिच्य के सानिध्य में भगवान का अभिषेक किया जाएगा। गलतार गेट स्थित गीता गायत्री गणेश मंदिर में पं राजकुमार चतुर्वेदी के सानिध्य में भगवान का अभिषेक कर नूतन पोशाक धारण कराई जाएगी। ब्रह्मपुरी स्थित नहर के गणेश जी मंदिर में महंत जय शर्मा के सान्निध्य में सुबह 101 अथर्व शीर्ष पाठों से गणपति का अभिषेक होगा। भगवान गणेश को 21 मोदकों का भोग लगाया गया। शाम को 251 दीपकों से महाआरती की जाएगी। सूरजपोल गेट के श्वेत सिद्धि विनायक मंदिर में महंत मोहन लाल शर्मा के सानिध्य में दुग्धाभिषेक किया जाएगा।
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