दरअसल सतलुज यमुना लिंक नहर यानी एसवाईएल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने
सुनवाई की। पंजाब ने एसवाईएल की जमीन भूस्वामियों को वापस करने का प्रस्ताव
पारित कर दिया तो हरियाणा इसे रूकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
हरियाणा ने अर्जी दाखिल कर एसवाईएल की जमीन सुरक्षित रखने के लिए सुप्रीम
कोर्ट से रिसीवर नियुक्त करने का आग्रह किया है ताकि जमीन व आधी बन चुकी
नहर को कोई क्षति न पहुंचे।
हरियाणा ने इसके साथ ही एसवाईएल नहर का निर्माण
कराने के कोर्ट के आदेश और डिRी को लागू करने की भी मांग की है।
हरियाणा ने हलफनामे में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नहर का
निर्माण पूरा करने का आदेश दिया था। केंद्र ने उस आदेश के बाद 2004 में
केंद्रीय कमेटी भी गठित की लेकिन इसके बाद नहर के निर्माण के लिए कुछ नहीं
किया गया। केंद्र सरकार का दायित्व है कि वह कोर्ट के आदेश के मुताबिक नहर
का निर्माण पूरा करे।
सौ घंटे काम करो, नौ हजार रुपए लो
CJI को वकीलों की चिट्ठी पर मोदी ने कहा, डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope