जयपुर। एक प्रमुख समाचार पत्र में किसी राय पब्लिकेशन्स के हवाले से देशभर के आम बैंककर्मियों की बदनामी करने वाले विज्ञापन के छापे जाने से बैंककर्मचारियों में भारी रोष है। इस विज्ञापन से रात दिन मेहनत से काम करने वाले आम बैंक कर्मचारियों की समाज में छवि खराब हुई है, जिससे उनका रोष जहां विज्ञापन देने वाले राय पब्लिकेषन्स के प्रति है। लेकिन यह प्रशन भी उठता है की विज्ञापन के नाम पर सिर्फ िकसी समुदाय विषेष की छवि खराब करने वाली सामग्री की जांच किये बिना ऐसे विज्ञापन छाप सकता है, और क्या यह पत्रकारिता की मर्यादा के बाहर नहीं है। [@ Punjab election- चुनावी चौसर में दिग्गजों का आखिरी दांव चलना है बाकी]
इस मुद्दे पर प्रसंज्ञान लेते हुए वरिष्ठ बैंक कर्मचारी नेता महेश मिश्रा ने यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के घटक संगठनों की बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता आईबोक के एस.डी.बाली ने की, जबकि एआईबीईए के लोकेश मिश्रा, सूरजभान सिंह, एनसीबीई के विनील सक्सैना, अजात शत्रु, आईबोक के राजेश भार्गव, विनय भल्ला, बैफी के जी. एन पारीक आदि नेताओं ने भाग लिया और सर्व सम्मति से यह तय किया गया है ,कि विज्ञापन दाता राय पब्लिकेशन्स को मानहानि का विधिक नोटिस जारी किया जाए तथा समाचार पत्र को ज्ञापन भेजकर ऐसे विज्ञापन छापे जाने के प्रति आम बैंककर्मियों में व्याप्त रोष से अवगत कराया जाये।
मिश्रा ने बताया कि शनिवार को नोटिस जारी किया जाएगा। जिसमें राय पब्लिकेषन्स से माफी मांगने की मांग की जा रही है। अन्यथा उन पर मान हानि का दावा किया जायेगा एवं सम्बन्धित समाचार पत्र से हमारी उम्मीद है कि आम बैंककर्मियों की आहत भावनाओं को समझते हुए वे ऐसे विज्ञापन के बारे में खेद प्रकट करेगें।
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