दूसरा सबसे बड़ा कारण यह भी है कि जिलाधिकारी महोदया का इस धार्मिक क्षेत्र में अभी तक सिर्फ एक बार ही दौरा हो पाया है। ज्यादा विभाग अपने कार्यों को ठेकेदारों के माध्यम से संपादित करते हैं और उन कार्यों की निगरानी सिर्फ औपचारिक रूप से करते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि ठेकेदार अपनी मर्जी से और मनमाने ढंग से कार्यो को मानक की परवाह किये बगैर पूरा करते हैं। हालांकि बैठक के वक़्त अधिकारियों के तेवर बहुत ही आक्रामक होते है पर आज तक किसी को दंडित होते नहीं देखा गया।
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