असगर नकी, अमेठी। डेढ़ दशक में ऐसा पहली बार होगा जब
कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी कैम्पेन के लिए कांग्रेसी
गढ़ अमेठी-रायबरेली में हिस्सा
नहीं लेंगी। तय कार्यक्रम के अनुसार प्रियंका गांधी को अमेठी और रायबरेली में 3-3
दिन कम्पेन करना था। रायबरेली में सोमवार से इसकी शुरुआत थी जो नहीं हो सकी। ऐसे
में अब अमेठी-रायबरेली में कांग्रेसियों के चेहरों पर मायूसी छा गई है। [@ जेल से निकलते ही पूर्व मंत्रीजी को टिकट, पढ़िये हंडिया विधानसभा की दिलचस्प कहानी]
पहले यूपी
और अब कांग्रेसी गढ़ में मायूसी
बता दें कि सपा-कांग्रेस के अलांयस के बाद ये ख़बर बड़ी तेज़ी में आम हुई थी कि
डिम्पल यादव और प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी में एक साथ कम्पेन करेंगी। लेकिन जल्द
ही इस कयास पर विराम लग गया जब कांग्रेस की ओर से ये बयान आ गया कि प्रियंका
रायबरेली-अमेठी में ही कैम्पेन करेंगी। प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक 13 फरवरी
से 15 फरवरी तक प्रियंका को रायबरेली में और 16 से 18 तक अमेठी में चुनाव प्रचार
करना था। लेकिन रविवार देर रात तक प्रशासन के पास कार्यक्रम को लेकर कोई सूचना
नहीं थी। आधिकारिक तौर पर तो नहीं लेकिन सूत्रों के मुताबिक प्रियंका कार्यकर्ताओं
से मिलने के लिए एक दिन के कार्यक्रम के लिए अमेठी आ सकती हैं।
ये
है बड़ा कारण: कैसे कहती अमेठी और गौरीगंज में सपा को हराए
दरअसल प्रियंका के न आने के ये बड़े कारण आंके जा रहे हैं कि यहां अमेठी और गौरीगंज
सीटों पर सपा और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। कांग्रेस मानकर चल रही थी
की सपा ये दोनों सीटें उसके लिए छोड़ देगी। दबाव बनाने के लिए कांग्रेस ने
अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए, लेकिन बात नहीं बनी। वहीं प्रियंका के सामने इस
बात की भी चुनौती थी कि जिस गठबंधन का श्रेय प्रियंका को दिया जा रहा है, वह
प्रियंका अपनी अमेठी की सीट भी नहीं बचा सकी। इसके अलावा प्रियंका जब चुनाव प्रचार
में उतरती तो वह तिलोई और जगदीशपुर में तो कांग्रेस को जिताने के लिए कहती, लेकिन
अमेठी और गौरीगंज में सपा को हराने के लिए वह कैसे कह पातीं ?
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