जयपुर। प्रदेश में राष्ट्रीय कृमि उन्मूलन दिवस 10 फरवरी को राजकीय विद्यालयों के साथ ही निजी विद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को भी कृमि उन्मूलन की दवा पिलायी जायेगी। निजी विद्यालय भी राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर पूर्ण सहभागिता करेंगे। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नवीन जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गयी। शहर के 41 निजी स्कूलों के प्राचार्यों एवं प्रतिनिधियों की मौजूदगी में आयोजित इस बैठक में डिवर्मिंग दवा के बारे मेंं प्रजेंटेशन, वीडियो एवं सामान्यत: पूछे जाने वाले सवालों एवं उनके जवाब दिये गये।
प्रदेश के 35 हजार से अधिक निजी स्कूलों में 80 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में निजी स्कूलों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। गत् वर्ष कृमि नियंत्रण दिवस पर प्रदेश के लगभग 83 प्रतिशत बच्चों को दवा पिलायी गयी थी। उन्होंने बताया कि इस बार शत-प्रतिशत बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राष्ट्रीय कृमि उन्मूलन दिवस 10 फरवरी को कृमि संक्रमण की दवा की खुराक 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को राज्य की सभी आंगनबाडियों, सरकारी विद्यालयों, निजी विद्यालयों केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों एवं मदरसों केन्द्रों के माध्यम से दी जायेंगी। डिवर्मिंग से बच्चों के पेट के कृमि की समस्या का समाधान होने व उन्हें समुचित पोषण मिलने से उनका समुचित शारीरिक और मानसिक विकास हो सकेगा। परियोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डॉ. मनोज अरोड़ा ने स्कूल प्रबंधन से बच्चों के माता-पिता से एलबेंडाजोल की दवा के लाभ एवं इससे जुड़े मिथकों के बारे में विस्तार से जानकारी दिये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने बताया कि सामान्यत: भूखे पेट दवा पिलाने के बाद कुछ बच्चों को उल्टी या सिर चकराने की समस्या हो सकती है। इससे किसी प्रकार के नुकसान की संभावना नहीं है।
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