नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में व्यवस्था दी है कि कोई पुजारी भगवान और भक्त के बीच संवाद में बाधक नहीं बन सकता। कालकाजी मंदिर में आने वाली भीड़ को व्यवस्थित करने को लेकर दायर पुजारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट कहा, आप भगवान और भक्तों के बीच के कम्युनिकेशन में बाधा नहीं बन सकते।’
जस्टिस जेआर मिधा की अदालत ने कहा कि मंदिर में होने वाले कामकाज को सुधारना होगा। चिंता हो रही है कि ऐसे कैसे मंदिर को चलाया जा रहा है। मिधा ने कहा, ‘एक सेकंड के अंदर एक व्यक्ति को सब कुछ करना होता है। हम भी मंदिर जाते हैं, इन चंद सेकंड में यहां कोई रोक टोक नहीं होती।’ कोर्ट ने कहा कि सिर्फ पुजारी ही बाधा डालते हैं।
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