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सूखे से निपटने के लिये सरकार की तैयारियां

Preparations for the government to tackle drought - Shimla News in Hindi

शिमला । प्रदेश सरकार राज्य में सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिये अभी से तैयारियों में जुट गई है। राज्य के शहरों अथवा कस्बों कहीं पर भी पेयजल को लेकर किसी प्रकार की समस्या न आए, इसके लिये मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अभी से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये गए हैं।
राज्य की समस्त पेयजल योजनाओं तथा सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांटों की स्थिति का जायजा लेने के लिये मुख्य सचिव वीसी फारका की अध्यक्षता में शिमला में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने राज्य के विभिन्न जिलों में कार्यरत सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियन्ताओं तथा अधीक्षण अभियन्ताओं के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राज्य की सभी मुख्य जलापूर्ति तथा मल.निकासी परियोजनाओं की जानकारी हासिल की। मुख्य सचिव ने विशेषकर सभी जल भण्डारण टैंकों की सुरक्षा के लिये चार दीवारी लगाने तथा तालाबंदी करने पर विशेष बल दिया। श्री फारका ने पीने के पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने पर बल देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि। उन्होंने संबद्ध अधिकारियों तथा इंजीनियरों को नियमित तौर पर सभी जलापूर्ति योजनाओं से पानी के सेंपल लेकर इनकी रिपोर्ट नियमित रूप से सरकार को भेजने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि कोई भी योजना अथवा पाईप लाईन मल निकासी लाईनों से दूषित नहीं होनी चाहिए और मुख्य लाईन से सीवरेज का कोई कनेक्शन न दिया जाए।
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य में कुल 9393 जलापूर्ति योजनाओं तथा 34605 हैण्डपम्पों के माध्यम से लोगों की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से घर-घर तक पेयजल की सुचारु आपुर्ति के लिये सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग में 29000 कर्मियों को तैनात किया गया है। राज्य के विभिन्न भागों में 49 सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट स्थापित किए गए हैं और सभी क्रियाशील हैं। उन्होंने सभी परियोजनाओं में निरीक्षण पंजीकाएं रखने के निर्देश दिये ताकि योजना का निरीक्षण करने वाले अधिकारी का रिकार्ड रहे साथ ही आम लोगों के सुझाव भी प्राप्त किये जा सकें। श्री फारका को मण्डी अंचल के मुख्य अभियन्ता द्वारा वीडियो कान्फ्रेस के माध्यम से अवगत करवाया गया कि जिला की सभी जलापूर्ति योजनाएं सुचारु ढंग से कार्य कर रही हैं।
मण्डी तथा कुल्लू में जिला स्तर पर दो प्रयोगशालाएं हैं जिनमें समय- समय पर पानी के सेंपलों का परीक्षण करवाया जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि जिले में पीलिया के मामले पानी के कारण नहीं थे, बल्कि अन्यत्र स्थानों से आए लोगों में पाए गए थे। धर्मशाला अचंल के मुख्य अभियन्ता ने जानकारी दी कि कांगड़ा तथा चम्बा जिलों में 978 जलापूर्ति योजनाएं है और किसी भी भाग से सूखे की समस्या को लेकर शिकायत नहीं आई है। जिलों के 75 प्रतिशत जल भण्डारण टैंकों में तालाबंदी तथा 60 प्रतिशत टैंकों की फेन्सिग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। कांगड़ा जिले में एक जिला स्तरीय तथा सात उपमण्डल स्तरीय प्रयोगशालाएं हैं जबकि चम्बा में एक जिला स्तर पर व दो उपमण्डल स्तर पर कार्य कर रही हैं। हमीरपुर से मुख्य अभियन्ता ने अवगत करवाया कि ऊनाए हमीरपुर तथा बिलासपुर जिलों में 889 जलापूर्ति योजनाएं बेहतर कार्य कर रही हैं। इसके अलावा आवश्यकता वाले क्षेत्रों में 10363 हैण्डपंप स्थापित किए गए हैं जबकि 52 और हैण्डपंप लगाए जा रहे हैं। जिलों में 3395 टैंक हैं जिनमें से 60 प्रतिशत की तालाबंदी जबकि 33 प्रतिशत की फेन्सिग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
जिलों की विभिन्न प्रयोगशालाओं में पानी के कुल 7220 नमूने लेकर इनका परीक्षण किया गया। यह भी अवगत करवाया गया कि एनआईटी हमीरपुर के लिये पर्याप्त जल उपलब्ध करवाने का प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है। कुल्लू अचंल पर चर्चा करते हुए मुख्य अभियन्ता ने अवगत करवाया कि जिला में 1100 टैंकों में से 275 की तालाबंदी तथा फेंसिग कर ली गई है जबकि किन्नौर जिले में कार्यरत 852 टैंकों में से 542 में यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मुख्य सचिव को अवगत करवाया गया कि सोलन तथा सिरमौर जिलों में सभी 2884 टैंकों की तालाबंदी का कार्य पूर्ण कर लिया है जबकि फेंसिग का कार्य दिसम्बर अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। सोलन तथा पांवटा में स्थापित मल निकास संयंत्र सुचारू कार्य कर रहे हैं।
शिमला जिले में पेयजल आपूर्ति पर चर्चा करते हुए अवगत करवाया गया कि जिले में कुल 1000 जल भण्डारण टैंक हैं जिनमें से 618 की तालाबंदी व 378 की फेंसिग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिलामें 5 जिला स्तर तथा 9 उपमण्डल स्तर की प्रयोगशालाएं हैं और सभी क्रियाशील हैं। जिलें में 10 मल निकासी परियोजनाएं हैं।
मुख्य सचिव ने जिला विशेषकर शिमला शहर में नित्य प्रति जगह जगह से पानी के सेंपल लेकर इनकी नियमित जांच करवाने तथा स्वच्छ एवं सुचारू पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिये अधिकारियों व निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने विभाग को किन्नौर जिले के डुबलिंग तथा लिप्पा से जंगी जलापूर्ति योजनाओं प्राक्कलन शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। यह भी अवगत करवाया गया कि 3 करोड़ की स्पीलो सिचांई योजना की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। जिले में 852 टैंकों में से 452 की तालाबंदी तथा फेन्सिग कर ली गई है।
। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अभियन्ता इंoअनिल, विशेष सचिव हंस राज चौहान, व मनमोहन जस्सल सहित शिमला नगर निगम व सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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Web Title-Preparations for the government to tackle drought
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