नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को रियल एस्टेट विधेयक पारित होने के साथ ही
यह संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया। शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया
नायडू ने विधेयक को लेकर उम्मीद जताई कि इससे संपत्तियों की कीमत घटेगी और
रियल एस्टेट क्षेत्र के कामकाज को विश्वसनीयता मिलेगी।
राज्यसभा ने 10
मार्च को यह रियल एस्टेट नियामक (नियमन और विकास) विधेयक-2016 पारित किया
था।
लोकसभा में मंगलवार को विधेयक पर चर्चा के दौरान नायडू ने कहा, यह ऎतिहासिक
क्षण है। इससे आम आदमी का मकान खरीदने का सपना पूरा होगा। इससे रियल
एस्टेट क्षेत्र को भी विश्वसनीयता मिलेगी। क्षेत्र में निवेश बढेगा।
परियोजनाओं को जल्दी मंजूरी मिलेगी और मकानों की कीमत घटेगी।
नायडू ने कहा,संसद बिल्डरों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है।
आप जो वादा कर रहे हैं, उसे पूरा करें। रियल एस्टेट विधेयक का यही उद्देश्य
है। नायडू ने कहा कि इस विधेयक से मौजूदा प्रणाली की खामियों को दूर करने
में मदद मिलेगी, जिसके कारण बिल्डर विज्ञापन में किए गए सभी वादों को पूरा
नहीं करने के बाद भी कानून से बच निकलते हैं।
उपभोक्ता और बिल्डरों केलिए समान ब्याज दर...
शहरी विकास मंत्री ने कहा,पहले उपभोक्ता और बिल्डरों द्वारा भुगतान की जाने
वाली ब्याज दर अलग-अलग थी। हमने महसूस किया कि यह उचित नहीं है। यह दर अब
समान हो जाएगी। हम बिल्डरों के विरूद्ध नहीं हैं। यदि उन्हें कोई समस्या
होगी, तो हम किसी भी समय उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। हम बिल्डरों को
एक मजबूत भारत के निर्माण में साझेदार बनाना चाहते हैं।
नायडू ने कहा,चूंकि भूमि राज्य का विषय है, इसलिए हम राज्यों से मदद चाहते
हैं। सभी मंजूरी 30 दिनों में दी जानी है। उन्होंने कहा कि वह सभी
मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह करेंगे कि अपने राज्यों में वे रियल
एस्टेट परियोजनाओं को तेजी से मंजूरी दें।
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