भुट्टो ने चार मांगें रखते हुए धमकी दी
कि यदि ये पूरी नहीं की गईं तो वह 27 दिसंबर को एक लंबे मार्च की घोषणा
करेंगे। इन मांगों में राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति का गठन, पनामा
पेपर पर उनकी पार्टी के विधेयक को पारित किया जाना,चीन-पाक आर्थिक गलियारा
(सीपीईसी) पर पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रस्ताव को लागू करना
और विदेश मंत्री की फौरन नियुक्ति शामिल है।
भुट्टो ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नीतियों को भी आडे हाथ लेते हुए कहा
कि इन कारणों से पाकिस्तान कमजोर हुआ है। उन्होंने कहा, मियां साहिब आप
राष्ट्रीय कार्रवाई योजना को लागू करने में नाकाम रहे हैं। गौरतलब है कि
रविवार को गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने
पाकिस्तान को आतंकवाद का जनक करार दिया था।
लोकसभा चुनाव 2024 : देश की 102 सीटों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़ शांतिपूर्ण रहा मतदान
लोकसभा चुनाव 2024: देश की 102 सीटों पर कुल 59.71% मतदान दर्ज
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
Daily Horoscope