आईटी डिपार्टमेंट ने इन लोगों से कहा था कि
वे 15 फरवरी तक इस संबंध में सफाई पेश करें और अपने धन के स्त्रोत का
खुलासा करें।
18 लाख में से 5.27 लाख लोगों ने 12 फरवरी तक अपना जवाब विभाग को भेज दिया
है। इन 5.27 लाख लोगों में से 99.5 प्रतिशत लोगों ने नोटबंदी के बाद अपने
अकाउंट में जमा कराई गई रकम का संतोषजनक जवाब दे दिया है। यह पैसा 7.41 लाख
बैंक अकाउंट्स में जमा कराया गया था।
जिन लोगों ने आयकर विभाग को कोई जवाब नहीं दिया, उनके पास जरूर अपने
डिपॉजिट का बेहतर कानूनी स्पष्टीकरण होगा और हो सकता है कि उन्होंने अपने
रिटर्न में इसे शामिल करने का विकल्प चुना हो लेकिन उसे सिर्फ इन्कम टैक्स
रिटर्न में दिखा देने भर से काम नहीं चलेगा क्योंकि पिछले सालों की तुलना
में अगर 2016-17 की कमाई में अप्रत्याशित उछाल दिखा तो उसे कालाधन ही माना
जाएगा।
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