अभिषेक मिश्रा, लखनऊ। अपना सियासी कैरियर बचाने के लिए नेता अब पत्नियों का सहारा लेने से भी
गुरेज नहीं कर रहे हैं। आय से अधिक सम्पत्ति मामले में जेल की हवा खा चुके डॉ.
राकेशधर त्रिपाठी की पत्नी प्रमिला त्रिपाठी को अपना दल ने हंडिया सीट से अपना
उम्मीदवार बनाया है। भाजपा व बसपा सरकार में मंत्री रह चुके राकेशधर के लिए यह
चुनाव बहुत मायने रखने वाला है। उधर हत्या के आरोप में जेल में बंद पूर्व विधायक
उदयभान करवरिया की पत्नी नीलम करवरिया सियासी हलकों में अपने परिवार की सियासी साख
बनाये रखने के लिए खुद चुनावी मैदान में उतर गयी हैं। उन्हें भाजपा ने मेजा सीट से
टिकट दिया है।
सियासत में लम्बे समय तक
खासा दखल रखने वाले डॉ.राकेशधर त्रिपाठी ने खुद की सियासी जमीन बचाने के लिए पत्नी
प्रमिला त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है। आय से अधिक सम्पत्ति रखने के मामले
में जेल की हवा खा चुके डॉ. त्रिपाठी की पत्नी श्रीमती त्रिपाठी को अपना दल ने
हंडिया विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा और बसपा सरकार में
मंत्री रह चुके राकेशधर के लिए यह चुनाव बहुत मायने रखने वाला है। उधर, झूंसी के
तत्कालीन सपा विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड में जेल में बंद पूर्व विधायक उदयभान
करवरिया की पत्नी नीलम करवरिया सियासी हलकों में अपने परिवार की सियासी साख बनाये
रखने के लिए खुद चुनावी मैदान में उतर गयी हैं। उन्हें भाजपा ने मेजा विधानसभा
क्षेत्र से टिकट दिया है।
बारा विधानसभा क्षेत्र से दो
बार भाजपा के विधायक रह चुके उदयभान करवरिया के बड़े भाई कपिलमुनि करवरिया भी
फूलपुर से बसपा सांसद रह चुके हैं। इतना ही नहीं, छोटे भाई
सूरजभान करवरिया भी एमएलसी रहे, लेकिन इन दिनों तीनों भाई सपा के तत्कालीन विधायक जवाहर
हत्याकांड में जेल में हैं। जवाहर पंडित की हत्या 13 अगस्त 1996 को सिविल
लाइंस में गोलियों से भूनकर की गयी थी।
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