अभिषेक मिश्रा, लखनऊ। विधानसभा
चुनाव में मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में एकजुट करने के लिए सपा-कांग्रेस और बसपा
ने राजनीतिक पासा फेंक दिया है। अब तक तीन चरणों की वोटिंग हो चुकी है। बसपा ने 125 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर बाजी मारने की कोशिश की, लेकिन
सपा-कांग्रेस गठजोड़ भी पीछे नहीं है। वहं अपने परम्पररागत मतदाताओं को रिझाने के
लिए लगातार नये-नये तरकीब अपना रही है। लेकिन 18.5 प्रतिशत मत
की ताकत रखने वाला मुस्लिम मतदाता इस बार खामोश है। आंकड़ों के मुताबिक 30 प्रतिशत मत पाने वाला दल सत्ता तक पहुंचता रहा है। ऐसे में
मुसलमानों ने जिस दल को गले लगा लिया, वही उत्तर प्रदेश की सत्ता पर राज करेगा। सपा-कांग्रेस व
बसपा अपने-अपने तरीके से प्रदेश के 18.5 प्रतिशत
मुसलमान मतदाताओं को लामबंद करने में जुट गये हैं। [# प्रत्याशियों की पत्नियों के पास है कुबेर का खजाना, पढ़कर रह जाएंगे हैरान] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो भाजपा और मुस्लिम मतदाताओं के बीच वोट का रिश्ता
न के बराबर है। ऐसे में यह तीनों राजनीतिक दल इस वर्ग को रिझाने के लिए कोई
कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बीते कुछ विधानसभा चुनावों को देखा जाए तो मुस्लिम मत
सबसे अधिक सपा के खाते में ही जाते रहे हैं। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से दूर रहने के बाद भी
मुसलमानों के ज्यादातर मत सपा को ही मिले थे। वर्ष 2012 में मुसलमानों ने अपने मत की ताकत का अहसास कराया और
रिकार्ड 54 प्रतिशत
मतों के साथ सपा को सत्ता तक पहुंचा दिया। सपा इस बार भी मुसलमानों को अपने पाले
में लाने के लिए हर दांव चल रही है। उसने अपने घोषणा पत्र में उनके हक में कई
घोषणाएं की हैं।अब यदि बसपा पर नजर डाली जाए तो पार्टी ने लगातार मुस्लिमों के बीच
पैठ बनायी है। वर्ष 2002 के विधानसभा
चुनाव में जहां पार्टी को केवल नौ प्रतिशत मुस्लिम मत मिले, वहीं अब यह
आंकड़ा बढ़कर लगभग 20 प्रतिशत तक
पहुंच गया है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में दलित विरादरी और मुस्लिम समुदाय का मत
प्रतिशत मिला दिया जाए तो यह 39 प्रतिशत तक
पहुंच जाता है। बसपा इस बार के चुनाव में दलित-मुस्लिम मतों के गठजोड़ पर अपना
फोकस कर चुनाव लड़ रही है। उत्तर प्रदेश में अब तक 30 प्रतिशत मत पाकर ही राजनीतिक दल सरकार बनाते आये हैं। ऐसे
में दलित मतदाताओं के साथ मुस्लिम मत मिल जाए तो बसपा आसानी से सत्ता का जादुई
आंकड़ा पार कर सकती है।
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