झुंझुनूं। पूरे प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ता खुश हैं। उनके नेता या फिर साथियों को राजनीतिक नियुक्तियों में जगह मिली है। शेखावाटी के सीकर में खुशी है कि यूआईटी के अध्यक्ष हरिराम रणवां को बनाया गया है। वहीं अन्य कार्यकर्ताओं को भी बोर्ड और आयोगों में जगह दी गई है। चूरू में भी एक कार्यकर्ता को लाल बत्ती मिली है तो अन्य कार्यकर्ताओं को जगह। पर मायूसी है झुंझुनूं मेंं। उस झुंझुनूं में जो गत साल लाल बत्तियों का गढ़ रहा है। करीब सात से आठ बत्तियों की रोशनी से जगमगाने वाला झुंझुनूं जिला भाजपा शासन में लाल बत्तियों का इंतजार कर रहा है। हालांकि, विधायक सुंदरलाल को केबिनेट मंत्री का दर्जा देकर लाल बत्ती दे रखी है लेकिन, गत कांग्रेस सरकार के मुकाबले यह नाकाफी ही लग रही है। बात करें दो दिनों तक हुई राजनीतिक नियुक्तियों की तो करीब 21 आयोग और बोर्ड के 80 से अधिक अध्यक्ष व सदस्यों का मनोनयन किया गया है लेकिन, झुंझुनूं के हाथ एक भी नियुक्ति नहीं लगी। जिस पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा ने कहा है कि झुंझुनूं बीजेपी में अब लीडरशिप नहीं, दलाल बचे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सत्ता झुंझुनूं के साथ जो दोगला व्यवहार कर रही है। उसका जवाब झुंझुनूं की जनता देगी। यहां पर एक लाल बत्ती दी गई है। वो भी कांग्रेस की दलित रैली के बाद। ऐसे में तय है कि भाजपा झुंझुनूं के विकास और कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने के प्रति गंभीर नहीं हैं। इस मौके पर डॉ. राजकुमार शर्मा ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि केवल दुकानें खोली गई है। तबादले कर ही नहीं सकते क्योंकि न तो वक्त बचा है और न ही कोई नीति बनाई गई है।
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