चेन्नई। तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में व्यापक प्रदर्शन के बीच
पीएमके के नेता अंबुमणि रामदास ने गुरूवार को कहा कि अगर दो दिनों के भीतर
केंद्र सरकार जल्लीकट्टू पर अध्यादेश की घोषणा नहीं करती है, तो उनकी
पार्टी 26 जनवरी को इस खेल का आयोजन करेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां
एक बयान में कहा कि जल्लीकट्टू का आयोजन राज्य के हर जिले में होगा और भारी
संख्या में युवा इसमें हिस्सा लेंगे।
डीएमके ने शुक्रवार को रेल रोको आंदोलन का ऎलान किया है।
दूसरी ओर पूरे तमिलनाडु राज्य में जल्लीकट्टू पर रोक हटाने की मांग को लेकर
जनरोष व आंदोलन बढता ही जा रहा है। तीन दिन से चेन्नई के मरीना बीच पर
जनसमूह का धरना-प्रदर्शन जारी है व पीएम नरेंद्र मोदी से मदद न मिलने से
उपजी नाराजगी के चलते तमिलनाडु में शुक्रवार को बाजार,व्यावसायिक
प्रतिष्ठान,कॉलेज-स्कूल बंद रखने का ऎलान किया है। ऑटो-कैब व मिनी वैन
चालकों के अलावा दवा विक्रेताओं ने भी बंद में शरीक होने का ऎलान किया है।
मरीना बीच पर गुरूवार शाम तक करीब एक लाख लोग एकत्र हो चुके थे। वहां सरकार
विरोधी भाषण दिए जाते रहे।
तमिलनाडु के आंदोलनकारी लोग चाहते हैं कि वे जल्लीकट्टू पर बहस नहीं चाहिए, इस पर लगी रोक हटनी चाहिए।
गणतंत्र दिवस के दिन पीएमके द्वारा जल्लीकट्टू का आयोजन सर्वोच्च न्यायालय
की उस आज्ञा का उल्लंघन होगा, जिसमें उसने इस खेल पर पाबंदी लगा रखी है।
रामदास ने कहा कि पीएमके के छात्र व युवा शाखा के सदस्य जल्लीकट्टू के
समर्थन में पूरे राज्य में जारी विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ओपन्नीरसेल्वम ने गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से
मुलाकात की और उनसे जल्लीकट्टू के आयोजन को मंजूरी देने के लिए एक अध्यादेश
जारी करने की मांग की। मोदी ने हालांकि उन्हें समर्थन का आश्वासन दिया,
लेकिन इस ओर ध्यान दिलाया कि मामला विचाराधीन है।
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope