नई दिल्ली। पूरा शीत सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया, जिस पर पीएम नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों पर इस कदर नाराज है कि उन्होंने शुक्रवार को इंदिरा गांधी के एक फैसले पर भी सवाल खड़े कर दिए। पीएम ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने 1971 में नोटबंदी के सुझावों को खारिज किया था जिसकी वजह से ऐसे हालात पैदा हो गए थे। [@ अखिलेश कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले, पढ़े कौन से प्रस्ताव हुए मंजूर ]
पीएम मोदी ने अपनी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर पीठ थपथपाई, वहीं कांग्रेस पर आक्रामक रुख भी दिखाया।
इस दौरान पीएम मोदी ने नोटबंदी पर खुलकर समर्थन करने पर उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तहे दिल से धन्यवाद भी जताया।
संसदीय दल को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि 1971 में ही देश को नोटबंदी की जरूरत थी।
पीएम मोदी ने उस समय में एक सीनियर प्रशासक की किताब का जिक्र करते हुए बताया कि इंदिरा गांधी ने यह कहते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया कि क्या कांग्रेस को आगे चुनाव नहीं लडऩा है।
पीएम ने नोटबंदी के फैसले का विरोध कर रही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा अपने संसदीय दल के सामने कहा, आप मुझे बताइए कि देश बड़ा या दल।
पीएम ने कहा कि आज की राजनीति का स्तर काफी नीचे गिर चुका है, विपक्ष तो सेना पर भी सवाल कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज सत्ता दल ने कालेधन और करप्शन के खिलाफ मुहिम शुरू की है, जबकि विरोधी दल इसके खिलाफ खड़े हैं।
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