नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी मंगलवार को पहले राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव का उद्घाटन करेंगे। ये उत्सव पूरे 4 दिन चलेगा। इसमें पूरे देश से लगभग1600 जनजातीय कलाकारों और लगभग 8000 जनजातीय प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है। इसका उद्देश्य जनजातियों में समग्रता की भावना को बढ़ावा देना है। जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इस उत्सव में जनजातीय संस्कृति के तमाम पहलुओं का बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा और उन्हें बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। इस उत्सव के पीछे मुख्य मकसद जनजातीय जीवन की संस्कृति,परंपरा,रीति-रिवाज और कौशल से संबंधित तमाम पहलुओं को संरक्षण और बढ़ावा देने के अलावा जनजातियों के समग्र विकास के लिए संभावनाओं का उपयोग करने के दृष्टिकोण से आम जनता को रूबरू कराना है। आपको बता दें कि परंपरागत सामाजिक-संस्कृति पहलुओं पर दस्तावेजों का प्रदर्शन,कला,कलाकृतियों की प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल, चित्रकला और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों जैसे कौशल का प्रदर्शन इस चार दिवसीय आयोजन के मुख्य हिस्से होंगे।
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