जयपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि स्कूल, कॉलेज व कोचिंग सेंटर तथा ऐसे स्थान जहां नौजवान आते-जाते रहते हैं, वहां नौजवानों को नशे की लत से बचाने के लिए कोई योजना है या नहीं। योजना नहीं है तो बनाई जाए और पहले से ही प्रावधान हैं तो उन्हें पेश किया जाए। अगली सुनवाई 28 नवम्बर को होगी। न्यायाधीश के.एस. झवेरी व न्यायाधीश महेन्द्र माहेश्वरी की खंडपीठ ने स्वप्रेरणा से इस मामले में दर्ज याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने अजमेर दरगाह के आसपास नौजवानों के नशे में झूमते रहने की जानकारी सामने आने पर यह याचिका स्वप्रेरणा से दर्ज की थी। कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को गृह सचिव सुबीर कुमार हाजिर हुए। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं राजकीय अधिवक्ता ब्रह्मानन्द सान्दू ने कोर्ट से कहा कि राज्यहित में कोर्ट जो आदेश देगा, उसकी पालना की जाएगी। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए नौजवानों को नशे की लत से बचाने के सरकार की नीति की जानकारी मांगी। साथ ही, कहा कि सरकार की खासकर स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर या नौजवानों से जुड़े अन्य स्थानों पर नशे की लत पर नियंत्रण के लिए कोई नीति है या नहीं, नहीं है तो पूरे राज्य में नशे की समस्या को रोकने के लिए नीति बनाई जाए।
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