फगवाड़ा। यहां के एक व्यक्ति का कीनिया में अमृतसर के दो लोगों ने अपहरण कर लिया। उनके इशारे पर फगवाड़ा से अपहृत व्यक्ति के रिश्तेदारों से पिस्तौल के दम पर अमृतसर के आए व्यक्तियों ने न केवल 25 लाख रुपए की फिरौती वसूली, बल्कि एक ब्लैंक चेक भी ले गए। अपहृत व्यक्ति को मारपीट कर कथित अपहरणकर्ता कीनिया में छोड़ गए। वहां पर उसने पुलिस को शिकायत भी की तथा अस्पताल में इलाज भी करवाया। बाद में भारतीय दूतावास की सलाह पर वो लौट आया तथा उसने आकर पुलिस को शिकायत दी। सतनामपुरा ने मामला तो दर्ज कर लिया गया पर अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नही हो पाई है। जांच अधिकारी एएसआई हरजिंदर सिंह ने आज बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस को दी शिकायत में गुरमीत सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी प्रीत नगर, सतनामपुरा ने बताया कि 3 जुलाई 2016 को वह कीनिया में गया। वहां उसे भारतीय मूल के नवदीप सिंह पुत्र कुलदीप सिंह निवासी रणजीत ऐवन्यू, अमृतसर व गुरमीत सिंह उर्फ सैंडी पुत्र मनजीत सिंह निवासी खन्ना नगर, अमृतसर मिले व संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया। 11 जुलाई की रात 9 बजे दोनों उसे कीनिया की राजधानी नैरोबी की सडक़ पर मिले। उस समय उसकी जेब में 4 हजार अमेरिकी डालर थे। दोनों ने बातों-बातों में उसको गाड़ी में बिठा लिया तथा एक मकान में ले गए। वहां भारतीय मूल के चार व्यक्ति तथा 2 पाकिस्तानी, दो कीनिया के व्यक्ति थे। आरोपियों ने पिस्तौल दिखा कर मारपीट करते हुए उसके 4000 डालर निकाल लिए। उन्होंने 25 लाख रुपए ओर मांगे तथा कमरे में बंद कर दिया। 12 जुलाई को सुबह 10 बजे तक उसके साथ मारपीट की गई। डर के मामले अपने रिश्तेदारों मासड़ निर्मल सिंह व मुंह बोले बेटे जतिंदर कुमार को फोन कर 25 लाख रुपए का प्रबंध करने को कहा। उन्होंने किसी तरह से प्रबंध किया तो गुरमीत वगैरहा ने कीनिया से फोन कर कहा उनका आदमी बस स्टैंड फगवाड़ा पर पहुंच कर आपको फोन करेगा। उसको पैसे देने हैं। उन्होंने एक चेक भी सिक्योरिटी के तौर पर मांगा। जब वो फगवाड़ा बस स्टैंड पर पहुंचे तो बताया गया व्यक्ति उनके पास आ गया, जिसके साथ तीन व्यक्ति दूसरी गाड़ी में थे। जिसकी फोटो उन्होंने मोबाइल पर खींच ली। निर्मल सिंह सभी व्यक्तियों के साथ लेकर घर की तरफ आ गया। जब वो फिरौती के पैसे लेने घर पहुंचे तो उनके बेटे जतिंदर ने बड़ी होशियारी से सबकी वीडियो फिल्म भी मोबाइल पर बना ली। पैसे लेने आए व्यक्ति ने कीनिया में नवदीप व गुरमीत की मार्फत उससे बात करवाई। उन्होंने अपहृत गुरमीत के सिर पर पिस्तौल तान कर कहा कि पैसे देने को बोलो। जिस पर उसने मजबूरन पैसे देने को कह दिया। पैसों वाला बैग छीनकर उन्होंने जालंधर तक छोडऩे की बात कही। एक ब्लैंक चेक भी छीन लिया। इसके बावजूद कीनिया में उसको रिहा नहीं किया गया। कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कर उसके साथ मारपीट कर बैग से धमका कर तीन चेक निकलवा लिए तथा हस्ताक्षर करवा लिए। अचानक तबीयत बिगडऩे पर उसे एक अस्पताल के बाहर फेंक कर आरोपी फरार हो गए। उसका दाया कान फट गया था, जिसका अस्पताल में इलाज किया गया। बाद में ठीक होने पर उसने कीनिया पुलिस तथा भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी दी।
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