एएससीआई की इस रिपोर्ट में कुल 159 शिकायतों में से 98 को सही पाया गया है
और शिक्षा से लेकर ई-कॉमर्स तक इन सभी विज्ञापनों को रोकने को कहा है। इससे
पहले एएससीआई ने पतंजलि शहद के विज्ञापन पर भी रोक लगाई थी। एएससीआई की
रिपोर्ट में पतंजलि के दंत कांति टूथपेस्ट और घी के विज्ञापन भी भ्रामक पाए
गए थे।
गौरतलब है कि पतंजलि ने एएससीआई को कोर्ट में चुनौती दी है।
पतंजलि ने अपनी दलील में कहा है कि एएससीआई के पास कानूनी अधिकार नहीं है।
हालांकि एएससीआई का कहना है कि वो बतौर सेल्फ रेगुलेटर काम करते रहेंगे।
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