भीलवाड़ा। मांडल-रायला क्षेत्र में 15 साल की नाबालिग लडक़ी ने दो साल पहले की गई सगाई को मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसके परिजनों ने भी सगाई तोडऩे का संदेश लडक़े वालों को भेज दिया। लेकिन लडक़े वाले इतने नाराज हुए कि 56 गांवों की वैष्णव समाज की पंचायत बुला ली। इस पंचायत ने सगाई तोडऩे पर लडक़ी के पिता पर 1.11 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। मामला बनेड़ा क्षेत्र की सालरिया पंचायत के खारोलिया का खेड़ा गांव का है। यहां के सीताराम वैष्णव की नाबालिग बेटी की सगाई जून 2014 में शाहपुरा क्षेत्र के बावरिया का बोरड़ा गांव के दौलतराम वैष्णव के साथ तय कर दी गई। नाबालिग सगाई के लिए तैयार नहीं थी, इसके बावजूद मई 2015 में सगाई का दस्तूर कर दिया गया। इस बीच, नाबालिग पढ़ाई करने और सगाई तोडऩे पर अड़ी रही तो उसके पिता सीताराम ने लडक़े के परिजनों से सगाई खत्म करने की बात कह दी। इसके लिए 19 अक्टूबर और फिर 11 नवंबर को रजिस्टर्ड डाक से भी उन्हें सूचना दी गई लेकिन, लडक़े वाले लगातार दबाव बनाते रहे। इस बीच उन्होंने पंचायत बुलाकर दस्तूर का पूरा सामान वापस देने की बात कही। लडक़ी के पिता इस पर राजी हो गए, बाद में उन पर 1.11 लाख रुपए का जुर्माना भी कर दिया गया। इस बारे में 56 गांव वैष्णव समाज पंचायत मंडल के अध्यक्ष सत्यनारायण वैष्णव ने कहा कि सगाई तोडऩे पर 1.11 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। यह पंचायत का निर्णय है। उसे जुर्माना भरना होगा। उधर, बनेड़ा के सीआई सेढूराम ने कहा कि नाबालिग लडक़ी की सगाई तोडऩे पर परिवार पर इस तरह जुर्माना लगाना ठीक नहीं है। पीडि़त परिवार की शिकायत पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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