कराची। पिछले साल पाकिस्तान की पोर्ट सिटी कराची प्रचंड गर्मी की चपेट में थी, और इसकी वजह से 1,300 लोग मौत के मुंह में समा गए थे। इतनी बडी तादादा में मौतों से सबके लेते हुए इस बार पाकिस्तान प्रशासन ने एक कब्र खोदने वाले शख्स को तैनात किया है। तीन बड़े कब्र खोदे गए हैं जिनमें 300 से ज्यादा शवों को दफनाया जा सकता है।
कब्र खोदने में लगा 28 साल के बलूच युवक ने कहा, ‘खुदा का शुक्र है कि इस साल हमने अच्छी तैयारी की है।’ बलूच अपने तीन भाइयों के साथ कराची के विशाल कब्रिस्तान में काम कर रहे हैं। इस कब्रिस्तान को ईदी फाउंडेशन संचालित करता है।
जब 2015 में प्रचंड गर्मी से पूरा कराची शहर झुलस रहा था तब अस्पताल, मुर्दाघर और कब्रिस्तान नाकाफी साबित हुए थे। ड्रग एडिक्ट, दिहाड़ी मजदूर और बुजुर्गों के लिए वह गर्मी किसी शामत से कम नहीं थी। तापमान 44 डिग्री से ऊपर पहुंच गया था। यह तापमान 1981 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर था। यहां गर्मियों में सामान्यत: तापमान 37 डिग्री के आसपास रहता है।
इस आपदा से निपटने के लिए आर्मी और चैरिटी समूह भी सामने आए थे। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संकट से निपटने में पाकिस्तान बुरी तरह से नाकाम रहा था। इनका कहना है कि इमरजेंसी सर्विस की कमी साफ दिख रही थी। वहां के वैज्ञानिकों को कहना है कि कराची के लिए प्रचंड गर्मी अब आम है और इससे निपटने के लिए पाकिस्तान को तैयार रहना चाहिए।
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