उदयपुर। असत्य पर सत्य की विजय के पर्व विजयादशमी के दिन रावण सहित कई पुतले जलाए जाते हैं। लेकिन झीलों की नगरी उदयपुर में विजयादशमी से पहले ही किसी शरारती तत्व ने पुतले में आग लगा दी। ये तो गनीमत रही कि समय चलते वहां मौजूद मजदूरों ने आग को बुझाने में कामयाबी हासिल कर ली। वरना शहर में मेघनाद का पुतला एक दिन पहले ही दहन हो जाता। जानकारी के अनुसार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गांधी ग्राउंड में सनातन धर्म सेवा समिति की ओर से रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले रविवार रात को खड़े कर दिए गए थे। सोमवार सुबह करीब 5 बजे किन्हीं अज्ञात लोगों ने मेघनाथ के पुतले को आग लगा दी। हालांकि आग ज्यादा नहीं लग पाई और वहां मौजूद मजदूरों ने समय रहते उसे बुझा दिया। मजदूरों ने कहा कि अलसुबह दो युवक वहां आए थे। जिन्होंने शरारतन मेघनाद के पुतले में आग लगा दी। लेकिन इस घटना के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि क्या ऐसे में पुतलों की कोई सुरक्षा होती है। या फिर ये पुतले राम भरोसे ही छोड़ दिए जाते हैं कि वे ही आएंगे और दहन कर चले जाएंगे।
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