नई दिल्ली। गत 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद नए साल की पूर्व संध्या
पर देश के नाम पीएम मोदी के संबोधन पर विपक्ष ने पलटवार किया है। कांग्रेस
के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि पीएम ने एक तरह से संसद के बाहर
बजट का भाषण पढा है और यह सर्वोच्च विधायिका को नजरअंदाज करना है।
ममता
बनर्जी ने भी पीएम पर प्री-बजट भाषण देने का आरोप लगाया।
दरअसल राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम ने जनकल्याण की कुछ योजनाओं की
घोषणा की। इस घोषणा के बाद ही विपक्ष ने पीएम पर निशाना साध लिया।
पूर्व
केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि ऎसा शायद पहली बार हो रहा है कि बजट
स्पीच संसद के बाहर दी गई।
मनीष तिवारी ने ट्वीट में लिखा कि अब 1 फरवरी को अपने भाषण में जेटली क्या
बोलेंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इसे संसद की अवमानना नहीं माना जाना
चाहिए।
नो डेडलाइन
ओनली हेडलाइन...
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी के भाषण पर कहा, नो डेडलाइन
ओनली हेडलाइन, यह मोदी का चाल, चेहरा और चरित्र बन गया है। कांग्रेस पार्टी
मोदी जी से फिर एक बार आग्रह करती है कि कैश निकासी पर लगी सीमा को हटा
लें।
सुरजेवाला ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से काफी निराशा हुई
है। उन्होंने कई सवालों के जवाब आज भी नहीं दिये। मोदी के नोटबंदी की घोषणा
से देश की अर्थव्यवस्था को लकवा मार दिया है। इस तरह से देश नहीं चल सकता
है। मोदी ने आज जितनी भी घोषणाएं की हैं सभी पहले से चल रही हैं। गर्भवती
महिलाओं को पहले से आर्थिक मदद मिलते आ रही है इसमें नया क्या है।
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