कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक
कदम है जिसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई के रूप में बेचा जा रहा है। रमेश ने
कहा कि अवैध तरीकों से धन जमा करने वाले लोगों को परेशानी नहीं हो रही है
लेकिन उन लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है जिनके पास कालाधन
नहीं है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से जिन लोगों पर हमले की जरूरत थी, वे
बचकर निकल गये।
रमेश के मुताबिक सूट-बूट वाले लोगों का एक वर्ग अब भी
विलासिता की जिंदगी जी रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने दावा किया कि भाजपा यह गलत जानकारी फैला रही
है कि कांग्रेस और अन्य दलों ने भारत बंद का आह्वान किया है। उन्होंने कहा
कि विपक्षी दल कल जन आक्रोश दिवस मनाएंगे और देशभर में विरोध प्रदर्शन
करेंगे। मोदी सरकार को आडे हाथ लेते हुए रमेश ने कहा कि नौ नवंबर से आर्थिक
गतिविधियां ठहर गई हैं।
संसद में विपक्ष की रणनीति के सवाल पर उन्होंने
कहा कि अगर प्रधानमंत्री चर्चा में हिस्सा लेते हैं तो चर्चा होगी।
उन्होंने नये नोट लाने में सरकार की तैयारी पर भी सवाल उठाया और कहा कि
अनुमान के मुताबिक नये नोटों की छपाई में और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने
में 250 दिन लग सकते हैं। रमेश ने कैशलेस या लेसकैश समाज के प्रधानमंत्री
के आह्वान की भी आलोचना करते हुए कहा कि भारत में बडी संख्या में लोग दैनिक
लेनदेन में नकदी का इस्तेमाल करते हैं।
जनता को झटके देकर मजबूर नहीं किया जा सकता...
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