नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम
(ओएनजीसी) देश की तीसरी सबसे बडी पेट्रोलियम कंपनी एचपीसीएल का 44,000
करो़ड रूपए (6.6 अरब डॉलर) में अधिग्रहण कर सकती है। इस विलय से दुनिया में
पेट्रोलियम पदार्थो की खपत करने वाले तीसरे सबसे बडे उपभोक्ता देश को
विदेशों में संपत्तियों के अधिग्रहण में बेहतर प्रतिस्पर्धी स्थिति बन सकती
है।
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याद रहे,वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक फरवरी को पेश बजट में देश में एक
बडी एकीकृत तेल कंपनी बनाने की घोषणा की है। ऎसे में देश की सबसे बडी तेल
उत्पादक कंपनी ओएनजीसी, पेट्रोलियम रिफाइनरी एवं खुदरा विक्रेता कंपनी
एचपीसीएल में सरकार की पूरी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकती है।
एक उच्चस्तरीय सूत्र ने कहा,सरकार एक बडी एकीकृत तेल कंपनी बनाने पर विचार
कर रही है और यह काम एक तेल उत्पादक कंपनी के साथ रिफाइनरी कंपनी का विलय
करके किया जा सकता है।
पेट्रोलियम क्षेत्र में छह प्रमुख कंपनियां ...
देश में पेट्रोलियम क्षेत्र में छह प्रमुख कंपनियां
काम कर रही हैं। तेल खोज एवं उत्पादन क्षेत्र में ओएनजीसी, ऑयल इंडिया
लिमिटेड हैं जबकि रिफाइनरी और पेट्रोलियम पदाथों की बिक्री के कारोबार में
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, एचपीसीएल और बीपीसीएल तीन कंपनियां हैं। इसके अलावा
प्राकृतिक गैस का देशभर में परिवहन करने का काम प्रमुख रूप से गेल इंडिया
लिमिटेड के जिम्मे है।
अधिकारी ने कहा, इस प्रकार हमारे समक्ष विकल्प काफी सीमित हैं। एक विकल्प
यह है कि एचपीसीएल और बीपीसीएल को ओएनजीसी के साथ मिला दिया जाएगा और दूसरी
तरफ इंडियन ऑयल और ऑयल इंडिया का विलय कर दिया जाए।
ईंधन खरीदने के लिये विकल्प काफी सीमित रह जायेंगे...
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