झांसी के सूत्रों ने इस भी इस बात की पुष्टि की है कि ड्राइवर ने
गडबडी की सूचना दी थी, जिसे
अधिकारियों ने अपने यहां से बला टालने के लिए कानपुर पंहुचाने का आदेश दे दिया। बताते चलें कि ट्रेन में 22 के जगह 23 बोगी उस दिन लगी थी, जिसमें सेकेंड एसी के दो, थर्ड एसी के तीन (अतिरिक्त कोच
सहित), 12 स्लीपर, चार जनरल, एक-एक महिला/विकलांग व एसएलआर
के कोच लगे थे। हादसे में घायल रिटायर्ड रेलवे इंजीनियर परमानंद झा का कहना है कि
अधिक भार होने से इंजन पर प्रभाव जरूर पड़ता है। हो सकता है इसी के चलते हादसा हुआ
है, लेकिन
जिस प्रकार गाड़ी हिलकोरें खा रही थी उससे मेरी जानकारी में पहिए के ऊपर लगी
स्प्रिंग खराब होने के बाद एक्सल टूटा होगा। उत्तर रेल महाप्रबंधक अरूण सक्सेना ने
बताया कि हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है, दो-तीन दिन में जांच रिपोर्ट बोर्ड को
सौंप दी जाएगी।
नोटबंदी पर मोदी ने जनता से मांगी दस सवालों पर राय
मोदी सरकार पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार - अनुराग ठाकुर
राजस्थान में 25 वर्ष के सेवाकाल पर अब मिलेगी पूरी पेंशन, कार्मिकों की स्पेशल-पे में होगी वृद्धि
मुंबई के हॉस्टल में छात्रा का नग्न शव मिला, चौकीदार लापता
Daily Horoscope