गुरुग्राम। गुरूग्राम में अवैध काॅलोनियों का खेल अधिकारियों की मिलीभगत के साथ खेला जा रहा है। खास बात यह है कि इस तरह विकसित हो रही काॅलोनियों में अब तो फलोर वाइज रजिस्टि़यां भी हो रही हैं। जिला गुरूग्राम के गुरूग्राम शहर के अलावा सोहना, पटौदी में अवैध काॅलोनियां धड़ल्ले से विकसित हो रही हैं। एक अनुमान के अनुसार अकेले गुरूग्राम और सोहना में ही 100 से अधिक काॅलोनियां विकसित हो रही हैं। इन अवैध काॅलोनियों में बने मकानों को बिजली निगम की तरफ से बिजली का कनेक्शन भी दिया जा रहा है।
नगर निगम और टाउन एंड कंट़ी प्लानिंग डिपार्टमेंट जिनके उपर इस तरह की काॅलोनियों को विकसित करने की जिम्मेदारी है, लगातार बिजली निगम के अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं। उनसे आग्रह कर रहे हैं कि किसी भी मकान को बिजली कनेक्शन देने से पहले नगर निगम से एनओसी लें। कुछ केसों में तो मकानों की फाइल नगर निगम के पास आ जाती है, लेकिन अधिकांश मामलों में फाइल नगर निगम में आने की बजाय उस घर के उपर बिजली का मीटर लग जाता है।
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो अवैध काॅलोनियां विकसित होने के सबसे अधिक जिम्मेदार तहसीलदार हैं, क्योंकि तहसील में इस तरह की काॅलोनियों की रजिस्टि़यां हो रही हैं। यहां तक कि फलोर वाइज भी रजिस्ट़ी हो रही हैं। जबकि नगर निगम ने तहसीलदार को पत्र लिखकर आग्रह किया हुआ है कि रजिस्ट़ी करने से पहले नगर निगम की एनओसी लें। नगर निगम के आग्रह के बावजूद यदि रजिस्ट्री हो रही है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर क्यों नियमो के खिलाफ जाकर रजिस्ट्री की जा रही है। अब नगर निगम के अधिकारी इस मामले में डिप्टी कमिश्नर से मिलेंगे, उनसे तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया जाएगा।
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