मंडी(बीरबल शर्मा)। मंडी नगर परिषद के उपाध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस के आठ पार्षदों ने डीसी मंडी को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। उपाध्यक्ष विशाल ठाकुर भाजपा के हैं जबकि नगर परिषद के 13 वार्डों में चार भाजपा के हैं और 9 कांग्रेसी हैं। नगर परिषद अध्यक्ष नीलम शर्मा ने इस अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस के दो गुट बन जाने के बाद एक गुट ने भाजपा के समर्थन से नीलम शर्मा को अध्यक्ष और भाजपा के विशाल ठाकुर को उपाध्यक्ष बना दिया था मगर अब अध्यक्ष के अलावा कांग्रेस के सभी अन्य पार्षद एक साथ हो गए हैं और उन्होंने यह अविश्वास प्रस्ताव का खेल खेल दिया है जिसके लिए पहले भी नगर परिषद मंडी काफी चर्चित व बदनाम रहती आई है। [# यहां पति-पत्नी 5 दिनों के लिए बन जाते हैं एक दूसरे से अंजान, जानिए क्यों ] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
अंदरखाने यह भी बताया जा रहा है कि विशाल ठाकुर व पद के तलबगारों के बीच एक समझौता हुआ था कि साल की रोटेशन में सभी एक-एक साल के लिए उपाध्यक्ष बनेंगे मगर अब कथित रूप से विशाल ठाकुर के मुकर जाने पर इन आठ पार्षदों जिनमें पुष्प राज कात्यायन, वीरेंद्र, सिमरनजीत कौर, बंशी लाल, जितेंद्र, नेहा कुमारी, उर्मिला शर्मा व अलकनंदा हांडा हैं ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस डीसी को सौंप दिया। अब किसी भी वक्त इस पर वोटिंग के लिए तारीख की घोषणा हो सकती है और यदि ये आठ पार्षद उस दिन तक एकजुट रहे तो उपाध्यक्ष की कुर्सी का जाना तय है। विशाल ठाकुर को उपाध्यक्ष बनाने में चूंकि अध्यक्ष निर्मला शर्मा का काफी योगदान रहा है ऐसे में उन्होंने इस अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उनके बिना ही कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है।
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