बेंगलुरू। देश की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस में फाउंडर्स और मैनेजमेंट के
बीच चल रही खींचतान में फर्म के तीसरे सबसे बडे इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर
ओप्पेनहेमर फंड्स ने सीईओ विशाल सिक्का का समर्थन किया है। कंपनी में 2.7% शेयर रखने वाले इस फंड ने कंपनी एन नारायणमूर्ति और अन्य संस्थापकों
को सलाह दी है कि उन्हें जान लेना चाहिए कि इन्फोसिस पब्लिकली लिस्टेड
कंपनी है और अब वह उनकी निजी कंपनी नहीं रही है।
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नारायणमूर्ति को कंपनी की मौजूदा कार्यशैली पर नाराजगी है,खासकर कंपनी के
पूर्व सीएफओ को तीस माह का वेतन 23 करोड रूपए अदा करने पर आपत्ति है।
यह पहला मौका है जब कंपनी के किसी इंस्टिट्यूशनल शेयरहोल्डर ने प्रफेशनल
सीईओ का समर्थन किया है। टाटा ग्रुप में रतन टाटा और पूर्व सीईओ साइरस
मिस्त्री के बीच खींचतान के बाद इन्फोसिस पहली ऎसी दिग्गज कंपनी है, जिसमें
विवाद की स्थिति पैदा हुई है। फंड के पोर्टफोलियो मैनेजर जस्टिन लेवेरेंज
ने इन्फोसिस बोर्ड को लिखे खुले पत्र में कहा, इन्फोसिस के लॉन्ग टर्म
इन्वेस्टर के तौर पर हम विशाल सिक्का की मैनेजमेंट टीम के प्रति अपना
समर्थन जाहिर करते हैं। यह चिंताजनक बात है कि गैर-कार्यकारी संस्थापक
मैनेजमेंट टीम में दखल दे रहे हैं।
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