नई दिल्ली। 500 और 1000 के नोट बाजार से वापस लिए जाने की वजह से हर तरफ अफरातफरी का माहौल है। बावजूद इसके सरकार ने कड़ा रुख दर्शाते हुए साफ कर दिया है कि वह इस फैसले को वापस लेने के मूड में नहीं है। हालांकि, लोगों को हर रोज रही परेशानी के मद्देनजर विपक्ष के तीखे हमलों को देखते हुए मोदी सरकार के रुख में कुछ नरमी आ रही है और हालात सुधाने के लिए ‘युद्ध-स्तर’ कदम उठा रही है। ऐसे हालात में केंद्र ने मंगलवार शाम चार बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जबकि बुधवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। संसद के इस सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार के विरोध में विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है और ऐसे में सरकार अब विपक्ष को विश्वास में लेने के प्रयास में जुट गई है।
अधिकतर पार्टियां यह आरोप लगा रही हैं कि सरकार ने इस फैसले को लागू करने के लिए समुचित तैयारियों नहीं कीं। इसी वजह से आम लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार शाम होने वाली सर्वदलीय बैठक में मोदी सरकार विपक्षी पार्टियों के सामने अपना पक्ष रखेगी। सरकार की तरफ से यह साफ करने की कोशिश की जाएगी कि किन परिस्थितियों में इतना बड़ा फैसला अचाकन से लिया गया। यह भी बताया जाएगा कि आम लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार कौन से नए कदम उठाने वाली है।
फैसले पर पीछे नहीं हटेगी सरकार
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