व्यापारियों ने मांग की है कि कैश निकालने की अतिरिक्त व्यवस्था की
जाए। घरेलू की तरह इंडस्ट्रीज के बिजली के बिल जमा कराने में पुराने ड्यूज,
पुराने नोटों में स्वीकार करने की छूट मिले। साथ ही ईएमआई जमा कराने में
कुछ महीने का एक्सटेंशन दें। विश्वकर्मा और राजस्थान ट्रांसफार्मर एंड
रीक्रिएशन एसोसिएशन के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने कहा कि नोटबंदी से काम
प्रभावित हो रहा है। आधे मजदूर आ रहे हैं। सरकार को छूट देनी चाहिए।
सांगानेर कपड़ा-टेक्सटाइल के अध्यक्ष राजेन्द्र जिंदगर ने कहा कि सांगानेर
की करीब 800 फैक्ट्रियों में करीब 2 लाख लोग काम करते हैं। इनमें से
बमुश्किल 15-20 हजार मजदूर ही काम पर आ पा रहे हैं। वजह है ज्यादातर को
देने के लिए न तो पैसा है और वहीं उनको भी बैंक अकाउंट जैसी औपचारिकताएं
पूरी करनी हैं। आगे से माल खरीदने के लिए भी नया कैश चाहिए, जिसकी व्यवस्था
भी करनी है। वहीं वीकेआई एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश सोमानी ने कहा कि
विश्वकर्मा और आसपास के एरिया में 5 हजार यूनिट है, जिनमें से 2 हजार
रजिस्टर्ड हैं। आधी यूनिट लगभग बंद हैं क्योंकि, लेबर को देने के लिए पैसे
नहीं हैं। माहौल को देखते हुए काम पटरी पर आने में 2 महीने लगेंगे। 8 लाख
में से आधे से ज्यादा मजदूर नहीं आ रहे या काम नहीं होने से परेशान हो रहे
हैं। ऐसे में हम सरकार से मांग करते हैं कि वो हमको बिजली के बिल पुराने
नोट में जमा कराने की छूट दे, साथ ही लोन किस्तों में एक्सटेंशन दे।
बाबा बनकर दरिंदा लूटता रहा बेटियों की आबरू , महीनों बाद खुला राज
लोकसभा चुनाव 2024: 3 बजे तक बिहार में 39.73%,J&K में 57.09% मतदान दर्ज,सबसे अधिक त्रिपुरा में 68.35% मतदान
त्वरित विश्लेषण - राजस्थान में 12 लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस में क्या कांटे की टक्कर है या बीजेपी को बढ़त मिल रही है...यहां पढ़िए
लोकसभा चुनाव 2024 : पहले चरण में इन दिग्गज नेताओं की दांव पर किस्मत
Daily Horoscope