सुल्तानपुर। नई करंसी के आने से शहरी इलाके ही नहीं ग्रामीण इलाकों
के बैंकों में भी लोगों की लंबी कतार लगी है। भीड़ में खड़े लोगों से पूछने पर पता
चला कि इनमें लगभग 95 प्रतिशत लोग पैसा जमा करने आए हैं जबकि 5 प्रतिशत लोग पैसा
निकालना चाहते हैं। एक महिला ने बताया कि ये पैसे उसने अपने आड़े दिनों के लिए रखे
थे लेकिन नए नोट के आने से इसे बाहर निकालना पड़ रहा है। सरकार के इस फैसले से
छोटे-छोटे आय वर्ग की महिलाएं और पुरुष धन बाहर निकाल रहे हैं तो काला धन रखने
वालों का क्या हाल होगा। यही कारण है कि कहीं गंगा में नोटों के बंडल फेंके जा रहे
हैं तो कहीं नोट जलाए जा रहे हैं।
इतना ही नहीं स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों
को सौ रुपये की जगह चेंज नहीं होने की दशा में 500 रुपये मिल रहे हैं। जैसा कि बीजेपी
के चुनावी एजेंडे में काला धन भी एक मुद्दा था। बिना किसी के कानों कान भनक लगे
प्रधानमंत्री के इस ऐतिहासिक फैसले ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को अचंभा कर
दिया।
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