चंडीगढ़ । देश में नोटबंदी का फैसला एक बेवकूफी भरा फैसला है। मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री मोदी को ये सुझाव किसने दिया। ये कहना है सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू का। वे पंजाब यूनिवर्सिटी में भारत और भारत में कानून के विषय पर छात्रों को संबोधित कर रहे थे। नोटबंदी के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये एक बिना सोच समझ के लिया गया फैसला है क्योंकि इससे काला धन रखने वालों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा लेकिन आम आदमी कई परेशानियों से घिर गया है। उन्होंने कहा कि देश के किसानों, मजदूरों और आम आदमी के पास एक वक्त में थोड़े से ही 500 और 1000 के नोट होते हैं जिनसे वो पूरे अपनी जरुरतें पूरी करता है। लेकिन सरकार के इस फैसले से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है लोग अपनी जरुरत का सामान नहीं खरीद पा रहे। दुकानों पर पड़े फल और सब्जियां खराब हो रही हैं जिससे छोटे दुकानदारों का नुकसान हो रहा है। किसानों को नई फसल लगानी है लेकिन नोटबंदी होने से वो बीज नहीं खरीद पा रहा। कई जगह पर लोगों की मौत तक हो गई। वहीं दूसरी तरफ काला धन रखने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि उन्होंने अपना काला धन या तो विदेशों में जमा करा रखा है या उससे सोना खरीद रखा और उस धन को रियल इस्टेट में लगा रखा है। इस फैसले से सिर्फ आम आदमी ही परेशान हो रहा है। इसलिए सरकार को ऐसे फैसले पूरी तैयारी और सोच विचार कर करने चाहिए।
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