नई दिल्ली। नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष सोमवार को वाममोर्चा जहां बंद आयोजित कर रहा है, वहीं कांग्रेस, टीएमसी, जदयू समेत अन्य प्रमुख दल आक्रोश दिवस मना रहे हैं। आक्रोश दिवस के जरिए विपक्षी दल सरकार को नोटबंदी के मुद्दे पर घेरने की कोशिश में है। प्रमुख विपक्षी दल आक्रोश दिवस के जरिए सरकार को अपनी ताकत दिखा रहे हैं। दिल्ली से लेकर पटना, कोलकाता तक आक्रोश दिवस पर विपक्ष ने मार्च और संसद घेराव का प्लान तैयार कर रखा है।
कोलकाता में ममता की रैली
कोलकाता में आक्रोश मार्च के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा, भारतीय लोकतंत्र में मोदी जैसे किसी तानाशाह की जरूरत नहीं है। नोटबंदी के बाद देश में हालात खराब हुए हैं, लोगों के पास खाने के लिए पैसा नहीं है और पीएम मोबाइल फोन की बात करते हैं, क्या लोग भूख पर मोबाइल फोन खाएंगे? जब सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया था, तब सबकी सैलरी आ गई थी, लेकिन अब, दिसंबर में सैलरी का क्या होगा?’ ममता ने कहा- देश के बैंकों में पैसा नहीं है, यही पीएम का प्लान है। किसानों और दैनिक मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। देश की जनता को पीएम को करारा जवाब देना चाहिए। टीएमसी प्रमुख ने कहा, ‘बाजार, सिनेमा, थियेटर, सब कुछ प्रभावित हुआ है लेकिन पीएम ने आम आदमी की परवाह नहीं की। मैं देश में तानाशाही नहीं चलने दूंगी। मैं पीएम मोदी को राजनीति से ही बाहर कर दूंगी।’ कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की रैली में जबरदस्त भीड़ उमड़ी है। इसमें कई फिल्मस्टार भी शामिल हुए हैं। प. बंगाल में वामदलों ने भी बंद का आह्वान किया है और नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किए हैं।
नोटबंदी पर सुबह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। कांग्रेस मेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बनर्जी को भी प्रदर्शन के लिए बुलाया, लेकिन दोनों नेता नहीं गए।
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