झुंझुनूं। जिला मुख्यालय के निकटवर्ती सोती गांव में शुक्रवार को कुछ दबंगों ने अपनी जिद के आगे 75 वर्षीय दलित महिला के शव का दाह संस्कार रुकवा दिया और शव के साथ छेड़छाड़ कर उस पर ओढ़ाए हुए कपड़े तक हटा कर फेंक दिए। इस हरकत को अंजाम देने में महिलाएं भी शामिल थीं। बाद में अन्य गांवों से पहुंचे लोगों की मदद से दाह-संस्कार किया गया। [@ 27 लाख की यह कार साढ़े 53 लाख में हुई नीलाम, जानें क्यों हुआ ऐसा]
सोती गांव में शुक्रवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब गांव के ही कुछ दबंगों ने करीब 75 वर्षीय एक दलित महिला का दाह-संस्कार रोक दिया। इस बात की जानकारी मिलने पर अन्य गांवों से लोग मौके पर पहुंच गए। उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए शव का वहीं दाह-संस्कार कर दिया। दाह-संस्कार के बाद सभी लोगों ने कलेक्ट्रेट पर आकर प्रदर्शन किया तथा प्रशासन को नामजद रिपोर्ट पेश देते हुए कार्रवाई की मांग की।
मेघवाल समाज के लोगों ने एक वर्ग विशेष पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि झुंझुनूं बीड़ में वे दाह संस्कार करते आए हैं, लेकिन सरकार द्वारा अब वहां दाह संस्कार पर रोक लगा देने से हमने गांव की जोहड़ (गोचर भूमि) में दाह-संस्कार करने का फैसला किया। शुक्रवार को जब महिला का दाह-संस्कार करने गए तो कुछ लोगों ने अचानक लाठियों से हमला कर दिया और शव के साथ छेड़छाड़ करते हुए उस पर ओढ़ा रखे कपड़ों को फेंक दिया तथा शव के ऊपर मिट्टी फेंक दी। हमलावरों में महिलाएं भी शामिल थीं। आरोपियों ने गाली गलौज करते हुए कहा कि ये हमारी निजी जमीन है। यहां दाह-संस्कार नहीं होने देंगे।
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