जयपुर। सरकारी भवनों में ठहरने के बाद किराया राशि नहीं चुकाने के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने 2004 से 2014 की अवधि के दौरान नई दिल्ली स्थित राजस्थान हाउस में ठहरे सांसद व विधायकों से बकाया किराया राशि नहीं वसूलने के मामले में सरकार से कहा कि वे बकाया किराया नहीं चुका रहे तो उनकी संपत्ति अटैच कर ली जाए। अगर संपत्ति को जब्त करने की सूचना अखबार में दे दी जाए तो अगले दिन ही बकाया राशि आ जाएगी। न्यायाधीश के.एस. झवेरी व दिनेश मेहता की खंडपीठ ने यह टिप्पणी सोमवार को प्रो. केबी अग्रवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि बकाया किराए की वसूली के लिए क्या कार्रवाई की। इस पर सरकार ने कहा कि किराया वसूली के लिए रिमांइडर जारी कर रहे हैं। इस दौरान अदालत के सामने आया कि एक एमपी से ही करीब 36 लाख रुपए बकाया हैं। अदालत ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि किराए की वसूली नहीं हो रही है तो बकाया नहीं देने वालों की प्रॉपर्टी को अटैच कर दें। मामले की आगामी सुनवाई 21 दिसंबर को तय की है। अदालत ने 12 सितंबर को मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बकाया किराया राशि तीन महीने में वसूल करने का निर्देश दिया था। गौरतलब है कि याचिका में कहा था कि 2004 से 2014 के दौरान प्रदेश से निर्वाचित एमपी व एमएलए राजस्थान हाउस में ठहरे। लेकिन इनमें से 26 एमपी व एमएलए ने बकाया किराए का भुगतान नहीं किया, इसलिए इनसे किराया राशि वसूली जाए।
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