नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि केवल भारत के मुख्य न्यायाधीश,
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों
को ही हवाई अड्डों पर विमान पर चढने से पहले सुरक्षा जांच से छूट मिलेगी।
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को यह सुविधा नहीं मिलेगी।
राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश में गलती पाते हुए चीफ जस्टिस टीएस
ठाकुर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने अपने
फैसले में कहा कि सुरक्षा का मामला प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है। राजस्थान
हाईकोर्ट ने विमान में सवार होने से पहले सुरक्षा जांच में छूट का दायरा इस
आधार पर बढाया था कि वे संवैधानिक पद पर हैं।
उच्च न्यायालय के 13 मई 2015 के फैसले को दरकिनार करते हुए पीठ की ओर से
न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने कहा कि सुरक्षा का मामला प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं
है। वे रूतबा के लिए नहीं और केवल पूर्व परंपरा के अधिकार पर निर्भर नहीं
हैं।
उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील को स्वीकार करते हुए शीर्ष अदालत ने
केंद्र सरकार के उस निर्णय का हवाला दिया कि विमान में चढने से पूर्व
सुरक्षा जांच से केवल उन्हीं लोगों को छूट मिलेगी जो चौबीसों घंटे सरकार की
सुरक्षा में रहते हैं।
(आईएएनएस)
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