जेटली ने कहा कि नरसिम्हा राव की सरकार के समय जब मोबाइल फोन आया था तो कहा
जाता था कि यह काम निजी कंपनियों को दे दिया जाए। अगर कोई उस समय कहता कि
गरीब आदमी के हाथ में मोबाइल होगा तो कोई विश्वास नहीं करता। नई टेक्नोलॉजी
जब भी देश में आई है तो देशवासियों ने उसका उपयोग किया।
[@ Exclusive- राजनीति के सैलाब में बह गई देश के दो कद्दावर परिवारों की दोस्ती]
वित्त मंत्री ने कहा कि घाटा होता है तो हम देश चलाने के लिए उधार लेते
हैं। अगली पीढी पर हम देनदारी बढा रहे हैं। अगर लोग पूरी ईमानदारी के साथ
सारा देश अर्थव्यवस्था चलाए तो क्या ये घाटा कम नहीं होगा। ग्रामीण
क्षेत्रों की स्थिति सुधरेंगी और सेना पर होने वाला आधा अधूरा खर्च भी
सुधरेगा।
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