धर्मंशाला। सदन में वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी और विपक्षी भाजपा सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। इस दौरान सदन में भारी शोरगुल भी हुआ। विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल ने सदस्यों को शांत करने की कोशिश की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया और कहा कि सदस्यों का एक-दूसरे पर हमला करना ठीक नहीं है। प्रश्नकाल के दौरान जब वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी कहने लगे कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो सरकार उन्हें दिल्ली और चंडीगढ़ स्थित हिमाचल भवन में रहने को कमरे तक नहीं देती थी, तो विपक्षी सदस्य इस पर उखड़ गए।
भाजपा सदस्य सतपाल सत्ती इस दौरान कुछ बोलने लगे और वन मंत्री बोले कि माई डियर प्रधान, आई नो यू। इसके बाद वे बोले कि इंटरफियर करने वाले आप कौन होते हैं। इस दौरान सदन में भारी शोरगुल हुआ और कुछ देर तक सदन में हंगामा होता रहा। सदन में भरमौरी बोले कि क्या आप पहलवानी करने आए हैं फिर रवि ने कहा कि जंगलों में आग लगी है और मंत्री यहां जवाब नहीं देते। फिर बुटेल ने सदस्यों को शांत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि एक-दूसरे पर हमला करना ठीक नहीं है और कहा कि कई माह से सूखा पड़ा है और बारिश नहीं हुई है। ऐसे में आग लगने पर मंत्री को दोषी ठहराना सही नहीं है। रविंद्र रवि का सवाल था कि प्रदेश में वन विभाग के तहत आने वाले विश्रामगृह और निरीक्षण हट कहां-कहां हैं और इन विश्रामगृह और निरीक्षण हट किसके माध्यम से बुक किए जाते हैं और पिछले 3 वर्ष के दौरान इन विश्रामगृहों और निरीक्षण हट में कितनी बुकिंग हुई थी।
इस पर वन मंत्री ने कहा कि बुकिंग प्रोसिजर के मुताबिक होती है और जो जवाब मांगा है वह बहुत लंबी चौड़ी है। इस पर रवि ने कहा कि वन मंत्री अपनी विभाग को छोड़कर जीडी में घुस गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सदस्यों को बुकिंग नहीं मिलती। बार-बार कहना पड़ता है और बाहर रहना पड़ता है। उन्होंने रिकार्ड में आए गलत शब्दों को हटाने की मांग की। भरमौरी ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वन विभाग के विश्रामगृहों में फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के आधार पर बुकिंग दी जाती है। फिर उन्होंने कहा जब कोई वीआईपी आता है तो मेरे जैसा छोटा आदमी उसे खाली कर देता है।
फिर तंज कसा कि भाजपा सदस्यों को शिमला जाना है इसलिए बहाना बना रहे हैं। वहीं महेश्वर सिंह ने सवाल किया कि कसोल में वन विभाग ने अपनी जमीन पर्यटन विभाग को दी है और उसने उसे आगे एक विदेशी को लीज पर दी है और अब उसकी लीज समाप्त हो गई है। क्या सरकार अब इस जमीन को वापस लेगी। उन्होंने वन मंत्री की ओर से भाजपा सदस्य को कुछ आपत्तिजनक शब्द कहने पर आपत्ति जताई और इसे रिकार्ड से हटाने की मांग की। इस पर वन मंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसी भाषा नहीं बोली। फिर उन्होंने कहा कि जब रविंद्र रवि बोले तो इंटरफियर क्यों कर रहे थे। इसके बाद भरमौरी ने जवाब दिया कि हमारे ध्यान में अब मामला आया है और वे देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।[@ 27 लाख की यह कार साढ़े 53 लाख में हुई नीलाम, जानें क्यों हुआ ऐसा]
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