नूंह। शहर से महज तीन किलोमीटर की दूर अरावली पर्वत के दामन में बसे नल्हड़ेश्वर मंदिर के दिन फिरने जा रहे हैं। पांडवकालीन शिव मंदिर में अरावली की करीब 100 मीटर की ऊंचाई पर पेड़ से पानी निकलता है ,जिसे देखने दूर-दराज से लोग देखने आते हैं। मान्यता है कि पांडवों ने वनवास के दौरान अरावली पर्वत में दिन बिताए थे। उसी समय से यहां शिवलिंग है। इस मंदिर पर मेला भी लगाया जाता है। इस शिव मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग कई दशक से उठती आ रही है। गत दिनों अनाज मंडी नूंह में भाजपा की विकास रैली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने इस मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होने की मांग उठी, तो उन्होंने केंद्र को सिफारिश करने की बात कहकर यहां के लोगों का दिल जीत लिया।
मीनारों के लिए प्रसिद्ध है मजार
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