नई दिल्ली। मोदी सरकार देश में नए सिरे से गरीबी रेखा खींचने की तैयारी कर रही है। नीति आयोग ने तय किया है कि देश में नए सिर से गरीबी रेखा बनाई जाए। इसके लिए जल्द ही एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई जाएगी। इस कदम से सरकार की तरफ से गरीबी दूर करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की कामयाबी और उनकी पहुंच पर नजर रखने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि गरीबी रेखा के लिए बनाया गया टास्क फोर्स सालभर चली बहस के बाद भी एकमत नहीं हो पाया।
ज्ञातव्य है कि किसी देश में गरीबी रेखा अहम होती है क्योंकि सरकार की तरफ से बनने वाली बहुत सी योजनाएं गरीबी रेखा से नीचे रहनेवालों के लिए होती है। ऐसे में गरीबी रेखा नीचे होने से कई गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। गौरतलब है कि यूूपीए 2 के अंतिम वर्षों में रंगराजन कमेटी ने देश 29.6 पर्सेंट आबादी यानी 36.3 करोड लोगों को गरीबी रेखा से नीचे करार दिया था।
गरीबी रेखा को ग्रामीण इलाकों के लिए डेली प्रति व्यक्ति खर्च को 27 से बढ़ाकर 32 रुपये और शहरी इलाकों के लिए 33 से बढाकर 49 रुपये कर दिया था। वैसे भी गरीबी रेखा पर ज्यादातर राज्य राजनीति के चलते एकसाथ नहीं हैं। अब जो एक्सपर्ट कमिटी बनाई जा रही है, उसका काम यह पता लगाना होगा कि देश में कितने गरीब हैं।
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