कानपुर। पुखरायां व रूरा रेल हादसों के लगभग एक माह से अधिक समय
बीत जाने के बाद हादसों का कारण नहीं पता चल सका। लेकिन बिहार में पकड़े गए संदिग्धों
के बाद अब जांच एनआईए कर रही है। जिसके चलते शनिवार को आईजी आलोक मित्तल की अगुवाई
में एनआईए की टीम ने घटनास्थल का दौरा कर सबूत इकट्ठे किये। [@ सपा में अखिलेश युग का सूत्रपात, इन पांच नेताओं के आए ‘अच्छे दिन’]
कानपुर देहात के पुखरायां व रूरा में हुए भीषण रेल हादसों
में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ माना जा रहा है। जिसके सबूत बीते दिनों
बिहार पुलिस ने तीन संदिग्धों को पकड़ जुटाया। जिसके बाद से एनआईए सक्रिय हो गई और संदिग्धों
को हिरासत में लेकर पूछताछ की। शनिवार को आईजी आलोक मित्तल की अगुवाई में टीम कानपुर
सेंट्रल पहुंची। रेलवे अधिकारियों से लगभग दो घंटे तक पूछताछ करने के बाद दोनों टीमों
ने घटना स्थलों का निरीक्षण किया। टीम कानपुर में दो दिनों तक पुखरायां, रूरा व मंधना
का निरीक्षण कर सबूत जुटाएगी। बता दें कि टीम के साथ फॉरेन्सिक टीम भी आई है जो घटना
स्थल के चप्पे-चप्पे का मुआयना करने के बाद साक्ष्य एकत्र करेगी।
पुखरायां व रूरा हादसों की जांच क्रमशः पूर्वी रेलवे जोन के सरंक्षा
आयुक्त पीके आचार्य व उत्तरी जोन के शैलेश पाठक कर रहें हैं। लेकिन जांच में कोई परिणाम
न आने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सीबीआई को जांच सौंपी। सीबीआई की टीम भी दो
दिन तक दौरा कर सबूत जुटाती रही पर निष्कर्ष से दूर रही।
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